चतरा ( छोटानागपुर का प्रवेश द्वार)
चतरा
- स्थापना 29 मई 1991 ईस्वी
- अवस्थित झारखंड राज्य के उत्तरी भाग में
- सीमाएं पूर्व में हजारीबाग, पश्चिम में पलामू,उत्तर में बिहार, दक्षिण में लातेहार।
- समुंद्र तल से ऊंचाई 16 मीटर ( 52 फुट)
- कुल क्षेत्रफल 3706 वर्ग किलोमीटर
- कुल जनसंख्या 1042886
- पुरुष जनसंख्या 533935
- महिला जनसंख्या 508951
- नगरीय आबादी 62954
- नगरीय आबादी का प्रतिशत 6.04
- ग्रामीण आबादी 979932
- ग्रामीण आबादी का प्रतिशत 93.96
- अनुसूचित जनजाति की संख्या 45563
- कुल जनसंख्या में अनुसूचित जाति का प्रतिशत 32.65
- लिंगानुपात 953महिलाएं/1000पुरुष
- बाल लिंगानुपात 967
- जनसंख्या घनत्व 280 व्यक्ति/ वर्ग किलोमीटर
- पुरूष साक्षरता दर 69.92%
- महिला साक्षरता दर 49.92%
- साक्षरता दर 60.18%
- वाहन निबंधन संख्या JH 13
- जिला निर्माण के समय अनुमंडलों की संख्या 1
- वर्तमान समय में प्रखंडों की संख्या 12( प्रतापपुर, कुंदा, लावालोंग, चतरा, हंटरगंज ,कन्हाचट्टी ,इटखोरी, मयूरहंड, गिद्धौर, पत्थलगड़ा ,सिमरिया ,टंडवा)
- विधान सभा क्षेत्रों की संख्या 2 ( सिमरिया, चतरा)
- लोक सभा संसदीय क्षेत्र 1 ( चतरा)
- प्रमुख नदियां दामोदर,चाको, यमुना, बरकी
- ऐतिहासिक स्मारक चतरा का किला
- प्रमुख धार्मिक स्थान झटखोरी का मां भद्रकाली मंदिर, कुंडा गुफा, कदेली चट्टी का द्वार
- पर्यटन स्थल लावा लौंग अभ्यारण्य, गोवा जलप्रपात केरीदह जलप्रपात , मालदह जलप्रपात, तमासिन, सुमेर सुमेर जलप्रपात, मालुदह, खाया बरारू, बिजलिया बरारू शरीफ, द्वारी गर्म जल कुंड।
- प्रमुख जनजातियां उरांव, मुंडा, खरवार,बिरहोर, बैगा , लोहरा
- प्रमुख उद्योग अभ्रक उद्योग,कोयला उद्योग,वनोत्पाद
- स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले प्रमुख आंदोलनकारी राम नारायण सिंह, सुखलाल सिंह,राम अनुग्रह प्रसाद नरसी भगत भागू गंज उपेंद्र प्रसाद
महत्पूर्ण तथ्य
- चतरा जिले का इतिहास ज्यादा नया नहीं है लेकिन अगर बात रखी हो जो छोटानागपुर क्षेत्र की एक सियासत थी तो चतरा का एक इतिहास मौर्य साम्राज्य से शुरू हुआ लगता है
- समुद्रगुप्त ने दक्षिण कौशल पर आक्रमण करने के लिए इसी क्षेत्र से गमन किया था
- चतरा का इतिहास मध्यकालीन भारत में बहुत महत्वपूर्ण रहा है , क्योंकि यह मोहम्मद बिन तुगलक के समय में दिल्ली सल्तनत के अधीन थी और फिर मुगलों के अधीन हो, गई यहां के किले को चतरा का किला कहते हैं जिसे 1734 के बाद अली वर्दी खान ने नष्ट करने की कोशिश की थी
- चतरा के इटखोरी क्षेत्र के भदौली गांव में भद्रकाली माता का मंदिर स्थित है यह मान्यता है कि इस मंदिर में मांगी गई मन्नत पूरी होती है।
- चतरा के किले के हंटरगंज प्रखंड से 10 किलोमीटर दूर पूर्व में 1575 फीट ऊंचा कौलेश्वरी पर्वत स्थित है जो हिंदू जैन के साथ-साथ आदिवासियों के पवित्र स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है किवदंती है कि इस स्थल पर सती का कोख गिरा था और इस रूप में यह एक सिद्ध पीठ है कोलेश्वर पहाड़ी को तीन धर्मों का संगम कहा जता है।
- चतरा संसदीय क्षेत्र राज्य का सबसे छोटा संसदीय क्षेत्र है।
- चतरा जिले को छोटा नागपुर का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें