बिना सोचे समझे दोस्ती
चूहे और मेढ़क की दोस्ती
एक दिन एक चूहा एक नदी के किनारे खेलकूद में मशगुल था। कि तभी उसने एक मेंढक को देखा, दोनों एक दूसरे को देख कर हैरत में पड़ गए।चूहा जो की सूखी जमीन पर रहने का आदी था पानी के अंदर रहने वाले जीवो के बारे में जानने को बहुत उत्सुक था। दूसरी तरफ मेंढक भी जानना चाहता था कि जंगल में रहने वाले इस जानवर की जिंदगी कैसी होती है। दोनों ने तय किया कि क्यों ना हर दिन कम से कम एक घंटा नदी के किनारे बैठ कर एक दूसरे की जिंदगी के हालात मालूम करें और इस तरह दोनों हर रोज एक घंटा नदी किनारे मिलने लगे और अपनीअपनी जिंदगी की कहानी सुनाने लगे और यह मुलाकातें गहरी दोस्ती में बदल गई ।अब हर दिन मैं बस 1 घंटे की मुलाकातें उनके लिए काफी नहीं होती थी। इसलिए 1 दिन चूहे ने अपने दोस्त से कहा कि तुम पानी के अंदर रहते हो और मैं तुम्हें जमीन से पुकारता रहता हूं। इस पर मेंढक ने कहा कि "चलो ठीक है हम सुबह की मुलाकात का वक्त भी बढ़ा देते हैं"। लेकिन चूहा इस पर संतुष्ट ना हुआ, उसने कहा कि सुबह की मुलाकात भी अब छोटी लगने लगी है, मैं तुम्हारे और पानी के अंदर की दुनिया के बारे में बहुत ही कम जान पाया हूं। यह सुनकर मेंढक ने फिर कहां कि "तुम ही बताओ इसका क्या इलाज है "।तब चूहा ने यह तरकीब सुनाई कि चलो ऐसा करते हैं जब भी जरूरी हो एक दूसरे को बुला लिया करें ,हम दोनों एक दूसरे को एक मजबूत बड़ी रस्सी से बांध ले जब भी मैं रस्सी खींचु तो तुम समझ जाना कि मैं तुम्हें याद कर रहा हूं। मैढ़क दिल से इस बात के लिए राजी नहीं था क्योंकि वह जानता था कि इसमे बहुत खतरा है पर चूहा नहीं माना, उसने बहुत जिद की आखिरकार मेंढक ने महज इसलिए कि दोस्त का दिल ना टूटे चूहे की बात मान ली और दोनों ने अपने- अपने पैर में आपस में एक बड़ी रस्सी बांध ली। मेंढक के लिए बहुत मुश्किल था क्योंकि वह अपनी मर्जी से उछलने कूदने से वंचित हो गया था। लेकिन उसने अपने दोस्ती की खातिर कभी भी इस बात की शिकायत नहीं की। 1 दिन एक बड़े कौवे ने चूहे को देखा और अपनी चोंच में दबाकर उड़ने लगा जैसे ही कौवा आसमान में ऊपर उड़ा तो मेढ़क जो खींच कर बाहर आ गया और उल्टा लटक गया। आसमान में यह नजारा देखकर लोग हैरत में पड़ गए कि कौवा चूहे और मेंढक का शिकार एक साथ कैसे कर सकता है।
(यह सुनकर मेंढक ने जवाब दिया कि यह उन लोगों का अंजाम है जो बिना सोचे समझे हर किसी से दोस्ती कर लिया करते हैं और अपने दोस्त की हर अच्छी बुरी बात को मान लेते हैं)
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