धनबाद
धनबाद
(काले हीरे की नगरी)
- स्थापना 24 अक्टूबर 1956 ईस्वी
- अवस्थिति झारखण्ड राज्य के पूर्वी भाग में
- सीमाएं पूर्व में जामताड़ा,पश्चिम में बोकारो,उत्तर में गिरिडीह, दक्षिण में पश्चिम बंगाल।
- मुख्यालय धनबाद
- समुद्रतल से ऊंचाई 222 मीटर
- कुल क्षेत्रफल कुल जनसंख्या 2089 वर्ग किलोमीटर
- पुरुष जनसंख्या 1405956
- महिला जनसंख्या 1278531
- नगरीय आबादी 1560394
- नगरीय आबादी का प्रतिशत 58.13
- ग्रामीण आबादी का प्रतिसत 41.87
- अनुसूचित जनजाति की संख्या 233119
- कुल जनसंख्या में अनुसूचित जनजाति का प्रतिशत 6.68
- अनुसूचित जाति की संख्या 437309
- कुल जनसंख्या में अनुसूचित जाति की संख्या 16.29
- लिंगुनुपात 909महिला/1000पुरुष
- बाल लिंगानुपात 916
- जनसंख्या घनत्व 1316व्यक्ति/वर्ग किमी
- पुरुष साक्षरता दर 83.81%
- महिला साक्षरता दर 64.29%
- वाहन निबंधन संख्या JH 10(धनबाद)
- वर्तमान समय में प्रखंडों की संख्या 10
- विधान सभा क्षेत्रों की संख्या 6
- लोक सभा संसदीय क्षेत्र 1 (धनबाद)
- प्रमुख नदियां दामोदर,बराकर,गोबाई, जमुनिया,खुदिया,पुसाई, कटरी
- ऐतिहासिक स्मारक कतरास का किला
- प्रमुख धार्मिक स्थान शक्ति मंदिर,भूफोर मंदिर,लिलोरी मंदिर, झिनझिनी मंदिर, पांड्रा मंदिर समूह, पोद्दा डीह मंदिर,कुमार धवी गिरजा घर।
- पर्यटन स्थल तोपचांची झील,तोपचांची अभ्यारण्य,हरी पहाड़ी,मैथन बांध, पंचेत बांध, डिगवाडीह स्टेडियम।
- प्रमुख जनजातियां संथाल,मुंडा, महली,बिरहोर, गोंड, खोंड,
धनबाद के बारे में कुछ तथ्य:
- धनबाद का इतिहास अपने आप में पूर्ण है, सबसे पहले इसके नामकरण के इतिहास पर प्रकाश डालते हैं,धनबाद दो शब्दों से मिलकर बना है। प्रथम है, धन और दूसरा है आबाद, यह स्थान प्रारंभ से ही खनिज पदार्थों से परिपूर्ण था इसलिए इसका नाम धनबाद पड़ गया। कुछ लोगों के अनुसार यह क्षेत्र कभी बैध धाम के लिए जाना जाता था।
- धनबाद जिले का निर्माण स्वतंत्रता के बाद 1956 ईस्वी में हुआ था इसे मानभूम जिले के पूर्वी भाग के कुछ उप मंडलों को मिलाकर बनाया गया था।
- धनबाद कोयला की खानों के लिए मशहूर है यह भारत में कोयला भंडार तथा खनन में सबसे समृद्ध शहर है।
- धनबाद शहर में शहर से 52 किलोमीटर दूर तोपचांची झील है जो राष्ट्रीय राजमार्ग से लगभग सटा हुआ है यह एक कृत्रिम झील है जिसके चारों ओर पहाड़ियां और वन है।
- धनबाद शहर से गोविंदपुर जाने वाली सड़क से आगे बढ़ने पर डांगी पहाड़ दिखाई पड़ता है यह जैसा गगनचुंबी दिखाई देता है वैसा ही रेल की तरह लंबा है भी है।
- धनबाद जिले में कतरास से 14 किलोमीटर की दूरी पर दामोदर नदी के किनारे 16 मंदिरों के अवशेष मिले हैं ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर क्षेत्र को घटवाल राजा महेश्वर ने बनवाया था।
- डालनी मंदिर धनबाद जिले में स्थित है जहां कामदेव और रति की प्रेमल आप मुद्रा में एक विशाल जीवंत मूर्ति मिली थी उसके बगल में कार्तिकेय मंदिर भी स्थित है।
- धनबाद जिला मुख्यालय से 58 किलोमीटर की दूरी पर मैथन डैम के नजदीक प्रसिद्ध मां कल्यानेश्वरी मंदिर स्थित है।
- झरिया धनबाद में स्थित है झरिया को प्राचीन समय में झरिया गढ़ नाम से भी जाना जाता था कुछ इतिहासकारों का यह भी कहना है कि झरिया के नाम पर ही झारखंड नाम पड़ा।
- धनबाद के जांबाज़ पुलिस अधीक्षक रणधीर वर्मा 3 जनवरी 1991 की सुबह धनबाद शहर में बैंक ऑफ इंडिया की हीरापुर शाखा लूटने गए पंजाब के दुर्दांत आतंकवादियों से जूझते हुए शहीद हो गए थे।भारत के राष्ट्रपति ने 26 जनवरी 1991 को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया और सन 2004 में भारतीय डाक विभाग ने उस अमर शहीद की याद में डाक टिकट जारी किया था।
- रणधीर वर्मा की शहादत के बाद सरकार ने धनबाद स्थित ग्राउंड का नामकरण रणधीर वर्मा स्टेडियम कर दिया था यह धनबाद शहर का एकमात्र बड़ा स्टेडियम है कोहिनूर रेलवे मैदान अन्य खेल के स्थान है।
- 1926 में धनबाद में इंडियन स्कूल ऑफ माइंस के स्थापना की गई थी जिससे वर्तमान समय में आईआईटी का दर्जा प्राप्त है।
- 1948 ईस्वी में धनबाद में सेंट्रल माइनिंग रिसर्च स्टेशन की स्थापना की गई थी।
- धनबाद शहर से सटे हुए वासेपुर स्थान की पृष्ठभूमि पर गैंग्स ऑफ वासेपुर नामक फिल्म बनाई गई जो काफी प्रसिद्ध हुई।
- 27 दिसंबर 1975 को भारत के इतिहास की सबसे बड़ी खान दुर्घटना धनबाद से 20 किलोमीटर दूर चास नाला में घटित सरकारी आंकड़ों के अनुसार लगभग 375 लोग मारे गए थे।
- खनिज क्षेत्र के विकास प्राधिकार यानी माडा(MADA) का पूर्ण रूप मिनिरल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी है खनिज प्रधान जिला धनबाद के विकास में मुख्य भूमिका निभाता है।
- धनबाद का चिरकुंडा औद्योगिक क्षेत्र एक संगठन औद्योगिक संकुल है जहां 25 किलोमीटर के दायरे में 250 उद्योग स्थापित है। धनबाद का उपचार मंदिर भूमि और धरती के जनजातीय देवता को समर्पित है। धनबाद जिले के कतरास गढ़ स्थित लिलोरी मंदिर काली माता को समर्पित है।
- धनबाद में पूर्व मध्य रेलवे का डिवीजन कार्यालय है।
- धनबाद के "भूली" में रेलवे का प्रशिक्षण केंद्र स्थित है।
- बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद में स्थित है।
कोयला निकलते हुए कुछ कोल कर्मी
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