गिरिडीह (giridih)

                 गिरिडीह

(जैन तीर्थ करो कि निर्वाण भूमि)

            





हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम है मुन्ना,बजा के झुनझुना, शुरू करते हैं आज के नए अध्याय को ।

तो दोस्तों आज हम जानेंगे गिरिडीह के बारे में जो कि जैन तीर्थ करो के निर्वाण भूमि के रूप में भी जाना जाता है ,इसकी स्थापना 4 दिसंबर 1972 ईस्वी में हुआ था। यह झारखंड राज्य के उत्तरी भाग में स्थित है। इसकी सीमाएं पूर्व में देवघर पश्चिम में हजारीबाग उत्तर में बिहार दक्षिण में बोकारो तथा धनबाद को छूती है। गिरिडीह जिला का मुख्यालय गिरिडीह है। इस की समुद्र तल से ऊंचाई 289 मीटर मतलब 948 फुट है। इसकी कुल क्षेत्रफल 4853. 56 वर्ग किलोमीटर है। इसकी कुल जनसंख्या 2445474 है इनमें पुरुष की जनसंख्या 1258098 है जिसमें महिला की जनसंख्या 1187376 है । यहां की नगरीय आबादी 208024 है,ग्रामीण आबादी 2237450 है। मतलब यह हुआ कि ग्रामीण आबादी की संख्या ज्यादा है। जनसंख्या घनत्व 493व्यक्ति/वर्ग किलोमीटर,पुरुष साक्षरता दर 76.76% तथा महिला साक्षरता दर 48.72%है। वाहन निबंधन संख्या JH -11. गिरिडीह जिले में अनुमंडल की संख्या 4 है (गिरिडीह, डुमरी, खोरी महुआ, बगोदर सरिया)। जिला निर्माण के समय प्रखंडों की संख्या 12 थी वर्तमान में प्रखंडों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है।विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 6 है, तथा लोकसभा संसदीय क्षेत्र की संख्या 1 है। गिरिडीह जिले की प्रमुख नदियों में बराकर, सकरी ,उसरी , किऊल चार नदियां हैं, यहां की धार्मिक स्थान में जैसे पारसनाथ,मधुबन, हरिहर धाम, झारखंड धाम ,खड़गड़ीहा का लंगेस्वरी बाबा मेला  बहुत ही प्रसिद्ध है। यहां पर्यटन के भी अच्छे से स्थल हैं जैसे कि खंडोली पहाड़ी ,खंडोली डैम, उसरी जलप्रपात, बाल पहाड़ी बांध जगहों पर घूम सकते है।घूमने में बहुत आनद आएगा।

यहां की जनजातियों में संथाल, मुंडा और उराव मुख्य रूप में निवास करते हैं। प्रमुख उद्योगों में से पायराइट ,अभ्रक, कृषि, बनियाडीह कोयला क्षेत्र (सीसीएल) पर आश्रित है।

गिरिडीह से स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले प्रमुख आंदोलनकारी जैसे कि बजरंग सहाय, पुनीत सहाय ,नरसिंह मारवाड़ी ,अनंत लाल , मोती राम , लेखो राम ,नारायण मोदी, छठ टू ठठेरा आदि प्रमुख आंदोलनकारी है जोकि गिरिडीह से ही बिलॉन्ग करते हैं।

गिरिडीह के कुछ चर्चित व्यक्ति जैसे बाबूलाल मरांडी ,चंद्रमोहन प्रसाद ,सरफराज अहमद भी गिरिडीह के ही निवासी है।

गिरीडीह के बारें में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:


  • गिरिडीह में पारसनाथ की पहाड़ी संपूर्ण जैन समुदाय के लिए अति महत्वपूर्ण स्थान रखती है जहां 24 में से 20 जैन तीर्थ करो को निर्वाण प्राप्त हुआ था इसलिए इसे जैन तीर्थ करो कि  निर्वाण भूमि भी कहते हैं।
  • पारसनाथ की पहाड़ी राज्य की सर्वोच्च चोटी है।
  • गिरिडीह को 1964 तक पुलिस जिले के रूप में जाना जाता था।
  • गिरिडीह जिला कोयला ,रूबी अभ्रक और मानिक्य लिए प्रसिद्ध है।
  • गिरिडीह जिला एवं इस्पात उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है।
  • गिरिडीह के राज धनवार प्रखंड में छत वहींन झारखंड धाम एक अति प्राचीन स्थान है जहां प्रतिवर्ष शिवरात्रि में लाखों भक्त भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं।
  • गिरिडीह से 19 किलोमीटर दूर उसरी जलप्रपात में उसरी नदी का जल 40 फीट की ऊंचाई से गिरता हुआ अत्यंत मनोरम प्रतीत होता है उसरी जलप्रपात के तट पर ही मकर मकर सक्रांति के अवसर पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन वर्षों से होता चला आ रहा है। 
  • पारसनाथ तथा मधुबन जैन तीर्थ करूं तथा जैन धर्मावलंबियों के लिए एक पवित्र स्थान माना जाता है। 
  • श्री के निकट जीटी रोड पर गिरिडीह जिले में स्थित पारसनाथ अभ्यारण पर्यटकों के लिए विशेष महत्व रखता है।
  • पारसनाथ मधुबन दिगंबर जैन तीर्थंकरों तथा जैन धर्मावलंबियों के लिए एक पवित्र स्थान माना जाता है।
  • झारखंड धाम में स्थित शिव मंदिर में देश के विभिन्न भागों से आकर लोग शादी विवाह के साथ अन्य धार्मिक रस्म बगैर आडंबर के संपन्न करते हैं।
  • गिरिडीह जिले में खंडोली के निकट मुर्गी पालन शोध एवं विकास संस्थान स्थित है।

                    
झारखंड धाम
  


उसरी जलप्रपात

               



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