साहेबगंज( बंगाल का प्रवेश द्वार)

 साहिबगंज के बारे में कुछ महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य।


  • साहिबगंज की स्थापना 17 मई 1983 ईस्वी में हुआ था।
  • साहिबगंज की कुल जनसंख्या 1150567 है।
  • पूर्व में साहिबगंज में तीन अनुमंडल थे परंतु 1994 ई. में पाकुड़ अनुमंडल को अलग जिले के रूप में मान्यता दे दी गई।
  • यह झारखंड राज्य का एकमात्र जिला है जहां गंगा नदी प्रवाहित होती है।
  • संथाल हूल के नायक अमर शहीद सिदो कान्हु की जन्मस्थली बरहेट प्रखंड स्थित भोगनाडीह साहिबगंज जिले में स्थित है।
  • प्रत्येक वर्ष 30 जून को यहां हूल दिवस का आयोजन किया जाता है।
  • उधवा झील पक्षी आश्रयणी  झारखंड और बिहार में अवस्थित एकमात्र पक्षी आश्रयणी है जिसे 1991 में झील पक्षी आश्रयणी घोषित किया गया। यह साहिबगंज शहर से 42 किलोमीटर दूर है तथा 5.6 5 1 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
  • मध्य एशिया से दिसंबर और मार्च के महीने में कई प्रवासी पक्षी आते हैं जो कि यहां की छटा में चार चांद लगा देती है। मुख्य रूप से स्पू्नबिल, एकरेट, जगाना, किंगफिशर, गोल्डन आरियों ,बैकटैल, हेरोइन और स्ट्रोक जैसी प्रवासी पक्षियों के साथ-साथ बत्तख और कोरमोंनेंस काफी संख्या में यहां देखे जा सकते हैं ।यहां जल स्तर पर दिखाई देने वाले पक्षी समुद्री जल मोर ,चचैती,पनकौवा ,डेबचिक, बानकर इत्यादि है।
  • वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुल 2266 करोड़ की लागत से साहिबगंज में गंगा नदी पर पुल का शिलान्यास किया है। इसे साहिबगंज मनिहारी पुल नाम दिया गया है।
  • गंगा नदी के तट पर माघ पूर्णिमा के दिन लगने वाले माघी पूर्णिमा मेला में लाखों लोग पहुंचते हैं।

स्पूनबिल

किंगफिशर

बैक्टेल

The great owl


Golden oreo








      

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गढ़वा (मां गढ़देवी की नगरी)

सादगी का महत्व (न्याय मूर्ति रानाडे )

पलामू (झारखंड का जैसलमेर)