देवघर (बाबा नगरी)

                

  

 स्थापना वर्ष     -  1जून 1983

कुल जनसंख्या  -   775022

कुल क्षेत्रफल     -  2479वर्ग किलोमीटर

वाहन निबंधन संख्या   -   JH- 15

अनुमंडलों की संख्या   - 2 (देवघर, मधुपुर)

प्रखंडों की संख्या    - 10(देवघर  मोहनपुर, सरवा, सोनाराय                                    ठाडी, देवीपुर, मधुपुर, मार्गो मुंडा,                                                    करों,सारठ, पालोजोरी)

विधानसभा क्षेत्रों की संख्या      -   3( मधुपुर,सारठ,देवघर)

लोकसभा संसदीय क्षेत्र             2


महत्वपूर्ण तथ्य

  • 1 जून 1983 को संथाल परगना जिले से देवघर विभाजन को अलग करके एक जिले का गठन किया गया था।
  • देवघर शब्द का निर्माण देव + घर से हुआ है। यहां देव का अर्थ देवी देवताओं से है और घर का अर्थ निवास स्थान से है। देवघर"बैद्यनाथ धाम","बाबा धाम"आदि नामों से जाना जाता है।
  • देवघर शहर हिंदुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। शिव पुराण में देवघर को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना गया है। यहां भगवान शिव का एक अत्यंत प्राचीन मंदिर स्थित है। हर सावन में यहां लाखों शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती है जो देश के विभिन्न हिस्सों सहित विदेशों से भी यहां आते हैं। इन भक्तों को कांवरिया कहा जाता है। यह शिवभक्त बिहार के सुल्तानगंज से गंगा नदी से गंगाजल लेकर 105 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर देवघर में भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं।
  • श्रावणी मेला विश्व का सबसे लंबा मानव मेला है।
  • देवघर एक शक्तिपीठ है जहां सती का हृदय गिरा था और अंतिम संस्कार भी देवघर में ही हुआ था तभी से यह स्थान चिंता भूमि से भी जाना जाने लगा।
  • देवघर के बाहरी हिस्से में स्थित नौलखा मंदिर अपने वास्तुशिल्प की खूबसूरती के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण बालानंद ब्रह्मचारी के एक अनुयाई ने किया था जो शहर से 8 किलोमीटर दूर तपोवन में तपस्या करते थे। इस मंदिर के निर्माण में 900000 खर्च हुए थे।
  • तपोवन थी मंदिरों और गुफाओं से सजा एक आकर्षक स्थल है। तपोवन स्थित हनुमान मंदिर की अपनी अलग ही पहचान है यहां राम नवमी के अवसर पर ध्वजा चढ़ाने की अति प्राचीन परंपरा आज तक चली आ रही है। यहां आस-पास काले मुंह वाले बंदर दिखते हैं और सामने ही पहाड़ की तलहटी के पास शिव मंदिर का दर्शन होता है।
  • देवघर स्थित नंदन पहाड़ की माता यहां बने मंदिरों के झुंड के कारण है जो विभिन्न भगवानों को समर्पित है। पहाड़ की चोटी पर कुंडली है जहां लोग पिकनिक मनाने आते हैं।
  • ठाकुर अनुकुलचंद्र के अनुयायियों के लिए सत्संग आश्रम धार्मिक आस्था का प्रतीक है सर्वधर्म मंदिर के अलावा यहां यहां पर एक संग्रहालय और चिड़ियाघर भी है।
  • देवघर से 16 किलोमीटर दूर दुमका रोड पर एक खूबसूरत पर्वत त्रिकूट स्थित है। इस पहाड़ पर बना रोपवे पर्यटकों को आकर्षित करता है पुलिस टो मयूराक्षी नदी का उद्गम स्थल त्रिकूट पहाड़ी है।
  • देवघर स्थित पगला बाबा आश्रम राधा कृष्ण के अनवरत कीर्तन के लिए प्रसिद्ध है तथा यहां जन्माष्टमी के अवसर पर वृहद मेला लगता है।
  • देवघर के देवपुर में (AIIMS) एम्स की स्थापना की जा रही है।

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