लोहरदगा( बॉक्साइट नगरी)

 

हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम है मुन्ना, बजा के झुनझुना ,शुरू करते हैं आज के नए अध्याय को। तो दोस्तों आज हम जानेंगे लोहरदगा के बारे में जिसे बॉक्साइट की नगरी  के भी कहा जाता है।

            



लोहरदगा जिला  का स्थापना 18 मई 1983 ई. में हुआ था। यह झारखंड राज्य के मध्य भाग में स्थित है। इसके पूर्व में रांची, पश्चिम में गुमला,उत्तर में लातेहार, और दक्षिण में गुमला है, लोहरदगा का मुख्यालय लोहरदगा ही है इसकी कुल क्षेत्रफल 1491 वर्ग किलोमीटर है। इसकी कुल जनसंख्या 461790, नगरीय आबादी 54411 है। ग्रामीण आबादी 404379 है। जनसंख्या घनत्व 307व्यक्ति/वर्ग किलोमीटर है। यहां की साक्षरता दर 67.61 प्रतिशत है।वाहन निबंधन संख्या JH -08 है। लोहरदगा के अनुमंडल ओं की संख्या एक है लोहरदगा । वर्तमान समय में प्रखंडों की संख्या 7 है (पेशरार, किस्को, कुडू, कैरो,लोहरदगा, सेन्हा, भंडरा)। इसके विधानसभा क्षेत्रों की संख्या भी एक है तथा लोकसभा संसद क्षेत्र भी एक है। यहां की प्रमुख नदियों में शंख, दामोदर,पल मारा, देव, गुमानी, भंसोली आदि है। यहां की प्रमुख धार्मिक स्थलों में अखिलेश्वर धाम बहुत प्रसिद्ध है।

यदि आप घूमने का मूड बना रहे हैं तो आप लोहरदगा आ सकते हैं यहां देखने के लिए बहुत कुछ है जैसे कि घडघड़िया जलप्रपात, निंदी जलप्रपात, अजय उद्यान,केकरांग जलप्रपात, लावा पानी जलप्रपात, नंदनी जलाशयआदि जगहों पर घूम सकते हैं और यहां के प्राकृतिक मनोरम दृश्यों का आनंद उठा सकते हैं।

              







यहां की प्रमुख जनजातियों में से उरांव, लोहरा,मोहली, मुंडा, खरवारआदि जाति  यहां के प्रमुख निवासी  है। यहां का उद्योग धंधा लोहरदगा तथा बगड़ू की बक्साइट खान तथा हिंडालको बक्साइट खान से चलता है।

सुदर्शन भगत,पांडे गणपत राय, धीरज साहू, सुखदेव भगत, शिव प्रसाद साहू, आदि यहां के प्रमुख व्यक्तित्व है।

लोहरदगा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:-

  • लोहरदगा का इतिहास मौर्य काल से भी जुड़ा हुआ है इसके ऐतिहासिक साक्ष्य तो नहीं परंतु लोगों का मत है कि यहां पर लोहे के सभी प्रकार के हथियार बनाए जाते थे इसलिए इस स्थान का नाम लोहरदगा पड़ गया।
  • लोहरदगा जिले को 1972 में एक सबडिवीजन और 1983 में 1 जिले की पहचान मिली थी।
  • जैन धर्म के पुस्तकों में भगवान महावीर के लोहरदगा आने के साक्ष्य हैं।
  • प्रत्येक वर्ष 18 मई को जिला स्थापना दिवस के दिन जिले में शंख दिवस मनाया जाता है।
लोहरदगा जिले की सीमा किसी भी राज्य को स्पर्श नहीं करती है।

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