जीवन में खुश कैसे रहें
How to be happy in life
( जीवन में खुश कैसे रहें)
पहले ये समझना आवश्यक है कि ख़ुशी आखिर है क्या ? हर इंसान खुश रहना चाहता है। वह चाहता है की उसकी ख़ुशी के लम्हे कभी भी ख़त्म न हों। ऐसा कोई पल न आये जब उससे यह ख़ुशी दूर जाये। ऐसा इसीलिए है क्योंकि हम खुशियों को कुछ निश्चित संसाधनों से मापते हैं और जब उनकी पूर्ति हो जाती है तो हमारे लिए खुशियों के मायने बदल जाते हैं और हम अपनी ख़ुशी को किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति पर केंद्रित कर देते हैं। परन्तु कम ही लोग यह जानते हैं की ख़ुशी न तो कोई ऐसी चीज है जो हमारे पास आएगी और न ही कोई ऐसी चीज है की हमसे दूर जाएगी।
🔻ख़ुशी किस चीज से मिलती है ?
यदि चीजों का मिलना ही ख़ुशी होती तो जिनके पास सब कुछ है वो सब लोग खुश होते और कोई भी ख़ुशी के बारे में बात ही नहीं करता। जब हम यह सोचते हैं की उस चीज को लेने के बाद हम खुश हो जायेंगे तो उस चीज के हमारे पास आ जाने के बाद हम थोड़ी देर तक ही खुश रह पाते हैं और फिर दूसरी चीज के प्रति हमारा मोह बढ़ जाता है और हम उसमे अपनी खुशियां ढूंढने लग जाते हैं। इसका मतलब यह हुआ की उस चीज में हमारी ख़ुशी नहीं थी। वह केवल हमारी एक इच्छा थी जो पूरी हो गयी तो फिर नई इच्छा का जन्म हो गया।
🔻क्या ख़ुशी अपने आप हमारे पास आएगी ?
हम अक्सर यह सोचते हैं की जब हमारे सपने पूरे होंगे या हम जो चाहते हैं वह पूरा होगा तो हमारे पास खुशियां आएँगी। लेकिन जब हमारे सपने पूरे होते हैं तो कुछ समय के बाद वह हमें रोज का हिस्सा लगता है और एक नया सपना अपना स्थान बना लेता है।
🔻क्या खुशियों की तलाश संभव है ?
खुशियों की तलाश कभी पूरी नहीं होती क्योंकि जो चीज हमारे अंदर है उसे यदि हम बहार ढूंढते हैं तो वो कभी भी हमको नहीं मिलेगी। जिस प्रकार यदि हम अपना सामान जो कि हमारे घर के अंदर है, उसे घर के बाहर ढूंढेंगे तो हम हमेशा ढूंढते ही रह जायेंगे और वो कभी भी हमें नहीं मिलेगा। उसी प्रकार ख़ुशी हमारे अंदर ही है हम ही हैं जो उसे जगह जगह ढूंढ रहे हैं। जरुरत है उसको पहचानने की। यह जानने की, कि आखिर ऐसा क्या है जिसके द्वारा हम अपने अंदर मौजूद खुशियों के खजाने को देख पाएं, महसूस कर पाएं।
जीवन में खुश रहने के उपाय..
यहाँ हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि कैसे हम अपने अंदर मौजूद खुशियों के खजाने के ताले को खोलकर अपनी और दूसरे व्यक्तियों की जिंदगी में खुशियों की सौगात ला सकते हैं।
1. यह सोचें कि अपनी खुशियों के लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं.
सबसे पहले हमें यह समझना होगा की अपनी खुशियों के लिए हम ही जिम्मेदार हैं। क्योंकि जब तक हम अपनी अंतरात्मा में ख़ुशी का अनुभव नहीं करेंगे तब तक हमें ख़ुशी समझ ही नहीं आएगी। कोई और हमको खुशियां नहीं दे सकता। वो केवल एक बाहरी प्रेरक है जो केवल थोड़ी देर तक ही विद्यमान रहता है। जैसे ही वह व्यक्ति या सामान हमारे सामने से हट जाता है वैसे ही हम पहले जैसे हो जाते हैं। आतंरिक ख़ुशी बाहरी ख़ुशी से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है.
2. खुशियों को भविष्य पर नहीं वर्तमान पर केंद्रित करें.
हम अक्सर यह सोचते हैं की जैसे ही हमारा यह कार्य पूरा हो जायेगा वैसे ही हम खुश हो जायेंगे। ऐसा कभी नहीं हो सकता। हमें जो हमारे पास आज है उसमे खुश रहना होगा। जो आएगा या जो हमारे पास अभी है ही नहीं, उसके विषय में चिंता करके हम अपना आज भी गँवा रहे हैं। इसका यह मतलब नहीं है कि हम भविष्य की चिंता न करें। सभी कार्य करें और खूब मेहनत करें लेकिन यह न सोचें की जब यह होगा तब खुश होंगे। जो वर्तमान में आपके पास है, उसमे खुश रहना सीखें।
3. नकारात्मक लोगों से दूर रहे..
ऐसे लोगों से हमेशा दूर रहे जो नकारात्मक माहौल फैलाते हों। ऐसे लोग अपने आप तो दुखी रहते ही हैं आपको भी दुखी ही करते हैं। आप यदि कुछ अच्छा भी बोलते हैं या करते हैं तो ऐसे लोग उसमे भी हमेशा कमियां ही निकालते हैं। वे आपका हौसला बढ़ाने के स्थान पर कम करने का ही प्रयास करते हैं। ऐसे लोगों के साथ समय व्यतीत करें जो आपका हौसला बढ़ाएं और आपको सकारात्मक माहौल प्रदान करें। सकारात्मक व्यक्ति हमेशा खुश रहता है। वह अपने आसपास खुशनुमा माहौल विकसित करता है।
4.कुछ समय मनोरंजन के लिए भी निकालें
भाग दौड़ भरी जिंदगी में काम के साथ साथ हमें मनोरंजन का भी ध्यान रखना चाहिए। इससे हमे मन को ताजगी मिलती हैं। खेल मनोरंजन का एक प्रमुख साधन है जिससे हम स्वस्थ भी रहते हैं और हमको ख़ुशी भी मिलती है। सिनेमा के माध्यम से भी हम मनोरंजन प्राप्त कर सकते हैं। परिवार के एवं मित्रों के साथ किसी पर्यटक स्थल पर जाकर हमें मनोरंजन प्राप्त होता है। इससे हमें काम की थकावट को दूर करने का अवसर मिलता है। जिससे काम हमारे ऊपर हावी नहीं होता और मन हल्का होता है। इससे हमारे चेहरे पर तनाव की अपेक्षा मुस्कराहट रहती है।
6. दीन-दुखियों की सहायता करें
जब भी समय मिले तो ऐसे लोगों की सहायता करें जो अभाव की जिंदगी जी रहे हैं। ईश्वर ने यदि आपको सक्षम बनाया है तो ऐसे लोगों की मदद अवश्य करें जो इसके लिए तरस रहे हैं। इससे आपको जो सुख मिलेगा, वो कहीं भी नहीं मिल सकता। मनुष्यता की सेवा करके आपको मन की असीम शांति और सुख का अनुभव होगा। भूखे को भोजन और प्यासे को पानी पिलाकर आपकी ख़ुशी दोगुनी हो जाएगी।
7. समय के पाबंद बनें
हमेशा समय की कद्र करें। समय ऐसे हाथ से फिसलता है जैसे मुट्ठी से रेत फिसलता है। अपने जीवन में हर कार्य को करने लिए एक समय सीमा का पालन अवश्य करें। जो व्यक्ति समय का पालन नहीं करते उनका कार्य कभी भी समय पर पूरा नहीं होता और वो हमेशा दुखी बने रहते हैं।
8. प्रकृति से लगाव रखें
प्रकृति से प्रेम हमको मानसिक शांति देता है। जब भी हम किसी ऐसी जगह पर जाते हैं जहाँ पर प्राकृतिक सुंदरता होती है जैसे खूबसूरत पहाड़ी स्थलों पर, बर्फीले स्थान पर, नदियों के संगम पर तो वहां जाकर हमें अत्यंत सुख का अनुभव होता है। प्रकृति का संरक्षण करें। यह आपको अंदर से ख़ुशी देगा। प्रकृति, पशु- पक्षी, नदियां, झरने आदि की मनमोहक छठा हमको आंतरिक ख़ुशी देती है।
9. लोगों की कमियों को नजरअंदाज करें
यदि जिंदगी में खुश रहना है तो हमको लोगों की कमियों को नजरअंदाज करना सीखना चाहिए। यदि हम हर बात को दिल से लगाकर बैठ जायेंगे तो हम खुश नहीं रह पाएंगे। किसी की कमियों के स्थान पर यह देखें की उसमे क्या खूबी है। कमियां हर इंसान में होती हैं। इसलिए कमियों को न देखें।
10. लालच से बचें और जो आपके पास है
उसमे खुश रहे.
किसी की वस्तु को देखकर कभी भी अपने मन में लालच न करें। ईश्वर ने जो हमें दिया है हमको उसमे खुश रहना चाहिए। यदि हम किसी और की वस्तु के प्रति अपना ध्यान लगाएंगे तो हमें केवल दुःख ही होगा। क्योंकि हम हमेशा अपनी तुलना उससे करते रहेंगे। हमें यह सोचना चाहिए कि जितना हमारे पास है, न जाने कितने लोग इसके लिए भी तरस रहे हैं। इसलिए ईश्वर को धन्यवाद दीजिये, जो उसने आपको यह सब दिया है।
11.दूसरों की खुशियों में शामिल हों
खुशियां बांटने से बढ़ती हैं, हमें दूसरे लोगों की खुशियों से जलन नहीं करनी चाहिए। या यह नहीं सोचना चाहिए की उसे तो यह प्राप्त हो गया पर मुझे नहीं हुआ। यदि हम ऐसे ही सोचते रहेंगे तो हम हमेशा दुखी ही रहेंगे। इसलिए यदि दूसरों को ख़ुशी मिली हो तो हमें भी उसमे शामिल होना चाहिए।
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